देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पत्नी डॉ. रश्मि त्यागी रावत ने मुख्यमंत्री के विवादित बयान पर उनका बचाव किया। उत्तराखंड की संस्कृति, मूल्यों और नैतिक मूल्यों को बच्चों के सामने रखते हुए कुछ उदाहरण देकर मुख्यमंत्री ने अपने विचार व्यक्त किए, इसमें विरोधाभास कहां है? अगर परिवार के मुखिया यदि अपने बच्चों को देश और राज्य की संस्कृति और भारतीयता होने के बारे में प्रेरित करते हैं, तो इसमें बुराई ही क्या है?

मुख्यमंत्री की पत्नी और डीएवी कॉलेज की शिक्षिका डॉ . रश्मि त्यागी रावत ने बुधवार को PAHAAD NEWS TEAM के साथ अपने विचार साझा किए। कहा कि उसके विचारों को मीडिया में नकारात्मक रूप से लिया गया, जबकि उन्होंने युवाओं के आधुनिक फैशन की व्याख्या की, वह सकारात्मक प्रभाव में थी । मुख्यमंत्री स्वयं एक साधारण परिवार से हैं। वह अभी भी जमीनी हकीकत से वास्ता रखते है लेकिन संस्कृति और संस्कारों के मामले में उच्च सोच रखते है। रश्मि ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के कुछ घंटों के बाद, सीएम ने जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ऐतिहासिक फैसले लिए। उत्तराखंड में अभी भी कई समस्याओं को मिटाना चाहते हैं।

अगर आप ऐसी छोटी-छोटी बातों पर उलझे रहेंगे, तो विकास प्रभावित हो सकता है। मुख्यमंत्री शुरू से ही मातृ शक्ति का बहुत सम्मान करते हैं। उनके विचार आधुनिक फैशन की प्रवृत्ति पर थे, इसे उनके सीएम विरोधी विचार कैसे मान लिया गया है। लंबे समय तक संघ में रहने के बाद देश और राज्य की संस्कृति, सभ्यता और सुसंस्कार के बारे में बात करना गलत कैसे हो सकता है।

डॉ . रश्मि रावत ने कहा कि युवाओं को नैतिक मूल्यों, उनकी पोशाक के बारे में बताना माता-पिता का कर्तव्य है और मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में अपने विचार रखे। उनके विचारों की आलोचना करने के बजाय समालोचना होती तो बेहतर होता।