देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

टिकट मशीनों की खराबी के कारण परेशानी का सामना कर रहे परिचालकों को दो माह के भीतर राहत मिल जाएगी . फिलहाल रोडवेज की करीब 500 टिकट मशीनें खराब हैं, जबकि 1000 ठीक से काम कर रही हैं। कोराना की बाधा के बाद इन दिनों बस संचालन सामान्य हो गया है और नियमित रूटों पर 1030 बसें भेजी जा रही हैं. मशीन नहीं होने से रोजाना 40 से 50 बस संचालकों को रूट लेटर देकर रवाना किया जा रहा है। मशीन टिकट नहीं मिलने के कारण अक्सर यात्रियों का आपरेटरों से विवाद हो जाता है। इसके चलते संचालक बिना मशीन के ड्यूटी पर नहीं जाना चाहते। रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन के मुताबिक नई टिकट मशीनों के टेंडर हो चुके हैं और दो महीने में उपलब्ध हो जाएंगे.

कोरोना की दूसरी लहर में दो माह से बस संचालन ठप रहने , दरअसल रोडवेज की करीब 500 टिकट मशीनें खराब पड़ी हैं। चालक-संचालकों का कहना है कि आधे से ज्यादा बसें बिना टिकट मशीनों के भेजी जा रही हैं, लेकिन प्रबंधन ने इन आरोपों से इनकार किया है. प्रबंधन के मुताबिक 40 से 50 बसें बिना टिकट मशीनों के ही भेजी जा रही हैं. महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि संचालक बिना टिकट मशीन के रूट पर नहीं जाना चाहते, इसलिए यात्रियों से विवाद का बहाना बना रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में निगम की 850 बसें जबकि 180 अनुबंधित बसें प्रतिदिन चल रही हैं. करीब 980 से 1000 बसों में टिकट मशीनें भेजी जा रही हैं।

प्रदर्शन पर्वतीय डिपो में

रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गुरुवार को वेतन भुगतान व बकाया व अन्य मांगों को लेकर पर्वतीय डिपो में धरना-प्रदर्शन किया. परिषद की पर्वतीय डिपो शाखा के अध्यक्ष प्रेम सिंह कंडारी और मंत्री विनोद नौटियाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अनुशासनात्मक मामलों में समान कार्रवाई, टिकट मशीनों की पर्याप्त व्यवस्था और कर्मियों को संवर्ग के अनुसार समान कार्य आवंटित करने की मांग की. इसके अलावा डिपो में लिपिकों की कमी को दूर करने, संविदा एवं विशेष श्रेणी के कर्मियों को पूर्व की तरह वेतन देने तथा अनावश्यक वसूली रोकने की मांग की गयी.