रुड़की , PAHAAD NEWS TEAM

पर्यावरणविद् पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि सरकार को हिमालयी क्षेत्रों में बांध बनाने के लिए नए सिरे से सोचने की जरूरत है. बांध बनाना पर्यावरण और प्राकृतिक दृष्टि से सही नहीं है। उन्होंने कहा कि बांध अब हमारे पक्ष में ज्यादा बेहतर नहीं हो सकते हैं, खासकर जब बाढ़ जैसी आपदाएं आ रही हों।

पर्यावरणविद् पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि उन्होंने राज्य के पर्यटन मंत्री को प्रकृति और पर्यटन पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि पर्यटन का सबसे बड़ा बोझ प्रकृति पर पड़ रहा है, जिस पर सरकार को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (कोर) पहुंचे डॉ. अनिल जोशी का प्रबंधन ने फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया.

इस दौरान पर्यावरणविद् अनिल जोशी ने छात्रों को पर्यावरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी. प्रेस कांफ्रेंस में डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि वह एक ऐसी रणनीति बना रहे हैं जिसमें सरकार बाध्य हो सकती है, हालांकि उन्होंने इस रणनीति को मीडिया से साझा नहीं किया. जोशी ने बताया कि पहाड़ के लोगों के लिए यह अधिक परेशानी की बात है, क्योंकि पहाड़ की स्थिति संवेदनशील है, नदी, जंगल होने के कारण उन पर प्रकृति का प्रतिकूल प्रभाव अधिक होता है.

उन्होंने कहा शिक्षा सबसे बड़ा हिस्सा है। इसलिए छात्रों को पर्यावरण के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो 20 साल बाद हम सब कुछ गंवाने वाले हैं.