रुद्रप्रयाग , PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को पूरी तरह से खोल दिया है. इसके अलावा ई-पास की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गई है। यात्रा के पूर्ण रूप से खोलने के बाद केदारनाथ, रुद्रप्रयाग और केदारनाथ यात्रा के प्रमुख स्थलों गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, फाटा आदि में व्यापारियों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए जश्न मनाया. व्यापारियों ने आतिशबाजी के साथ मिठाई बांटी।

कोरोना महामारी थमने के बाद 18 सितंबर से उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल ने चारधाम यात्रा को सुचारू करने के निर्देश दिए थे. हाईकोर्ट ने यात्रा में ई-पास और यात्रियों की संख्या को सीमित रखा था। केदारनाथ धाम के लिए एक दिन में सिर्फ 800 ई-पास जारी किए जा रहे थे। ई-पास प्रणाली जारी होने के कारण हजारों तीर्थयात्री केदारनाथ नहीं जा सके। यात्रियों को जगह-जगह वापस किया जा रहा था।

इसके साथ ही होटल, लॉज, घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी समेत अन्य व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा था. ई-पास की अनिवार्यता को समाप्त करने के लिये व्यवसायियों के अलावा यात्रियों का विरोध जारी था । मंगलवार को हाईकोर्ट ने ई-पास और यात्रियों की लिमिट खत्म कर दी है। जिसके बाद केदारनाथ के व्यापारियों और तीर्थ पुजारियों ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है.

उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के बाद रुद्रप्रयाग समेत केदारनाथ समेत केदारनाथ यात्रा के अन्य हिस्सों में जश्न मनाया गया. इस दौरान आतिशबाजी करते हुए मिठाइयां बांटी गईं। कारोबारियों ने कहा कि कोरोना के कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है. चारधाम यात्रा खुली थी, लेकिन सीमित संख्या में तीर्थयात्रियों के आने से रोजगार प्रभावित हो रहा था। अब यात्रियों की संख्या बढ़ने से स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।