रुद्रप्रयाग , PAHAAD NEWS TEAM

शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के सरकार के लाख दावों के बावजूद जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है. आज भी कई स्कूलों के भवन जर्जर हालत में हैं, जहां छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं। रानीगढ़ क्षेत्र में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज चमकोट की हालत जर्जर हो चुकी है, जो हादसों को दावत दे रहा है.

वर्ष 2007-08 में रानीगढ़ क्षेत्र में राजकीय इंटर कॉलेज चमकोट के भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था । तीन साल तक निर्माण कार्य चलने के बाद काम बंद कर दिया गया। जबकि इस भवन पर 84.5 लाख रुपये की राशि खर्च की गई थी. यूपी निर्माण निगम ने स्कूल भवन के लिए अतिरिक्त धनराशि की मांग की गई । इसके बाद संशोधित स्टीमेट भेजा गया, जिसे अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।

उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि पिछले 14 साल से चमकोट स्कूल का भवन आधा-अधूरा है. निर्माण कार्य बंद होने से यह भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। जिस स्कूल में बच्चे पढ़ रहे हैं, उस भवन का निर्माण 34 साल पहले हुआ था। इस जर्जर भवन में बरसात के दिनों में पानी टपकता है। स्कूल की दीवारें क्षतिग्रस्त हो रही हैं और टीन शेड उखड़ने लगा है। स्कूल के दौरान बच्चे और शिक्षक जोखिम में रहते हैं।

उन्होंने बच्चों की सुरक्षा और बेहतर शिक्षा के लिए स्कूल के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की है. ग्राम प्रधान जसोली अर्चना चमोली, अध्यापक अभिभावक संघ अध्यक्ष छतर सिंह, प्रधान कोदिमा हेमा देवी, प्रधान कोट सुमन देवी, एसएमसी अध्यक्ष जीवन सिंह ने कहा कि निर्माणाधीन भवन का कार्य बंद होने से शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है. पुराने भवन में हमेशा खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री से लेकर जिलाधिकारी सहित तमाम जनप्रतिनिधियों से पत्राचार करने के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है.