नैनीताल, PAHAAD NEWS TEAM

Aries नैनीताल के पूर्व निदेशक अनिल पांडेय का हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह इलाज के लिए निजी अस्पताल में भरती थी। उनकी कोरोना रिपोर्ट पोजिटिव थी। हल्द्वानी के रहने वाले पांडेय अपने पीछे अपनी पत्नी, मां और बेटे को छोड़ गए हैं। वह एक महान वैज्ञानिक थे और उन्होंने कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल ने उनकी मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

डॉ .पांडेय देवस्थल में एशिया महाद्वीप की सबसे बड़ी 3.6 मीटर व्यास की दूरबीन को स्थापित करने में हर संभव कोशिश की था। उनके प्रयासों से यह परियोजना तय समय के भीतर पूरी हो गई। वह इस परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर थे । इसके अलावा, वे देवस्थल में इंडो, बेल्जियम, कनाडा के साथ मिलकर लगने वाली चार मीटर व्यास की लिक्विड मिरर दूरबीन के भी प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में कार्य कर चुके है।

डीएसबी से एमएससी करने वाले डॉ . पांडे ने 1980 में बतौर साइंटिस्ट एरीज में ज्वाइन किया। आप्तिकी ज्योर्तिविज्ञान में ख्याति प्राप्त तथा राष्ट्रीय विज्ञान एकादमी के फैलो डा.पांडे तरुण वैज्ञानिक पुरस्कार, विक्रम साराभाई अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं । अब तक उनके 150 से अधिक शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।