टिहरी , PAHAAD NEWS TEAM

रविवार को टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से चिन्यालीसौड़ पुरानी जोगत रोड प्रखंड मुख्यालय के पास करीब 10 मीटर हिस्सा सड़क का झील में समा गया है. जिससे चिन्यालीसौड़, बिजलवान मोहल्ला और चिन्यालीसौड़ पुल के पास की रिहायशी कॉलोनी खतरे में पड़ गई है. वहीं यह सड़क ग्रामीणों के आवागमन का मुख्य साधन है। ऐसे में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक टिहरी झील का जलस्तर 827 आरएल मीटर बढ़ गया है. उत्तराखंड सरकार ने कुछ दिन पहले टिहरी झील के जलस्तर को 830 मीटर तक भरने की अनुमति दी है और झील का जलस्तर बढ़ने से झील के आसपास बसे गांवों की जमीनों पर कटाव का खतरा बढ़ गया है.

वहीं, 2013 की आपदा में टिहरी झील का जलस्तर 831 आरएल मीटर से ऊपर पहुंच गया था। जिससे आसपास कई तरह की क्षति हुई। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है और 7 दिनों तक बिजली उत्पादन बंद रहा। साथ ही कोटेश्वर बांध परियोजना की सुरंग में पानी घुस गया था और पूरी मशीनरी क्षतिग्रस्त हो गई थी.

आपको बता दें कि हर साल भारी बारिश के कारण टिहरी झील का जलस्तर बढ़ जाता है। लेकिन टीएचडीसी झील के आसपास बसे गांव के ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोई समाधान नहीं निकल रहा है और गांव वाले अपनी जान की बाज़ी लगा रहे हैं. जबकि टीएचडीसी प्रतिदिन करोड़ों रुपये की लागत से बिजली पैदा करता है।