देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

टिहरी में सी प्लेन उतारने का सपना जल्द ही साकार होता दिख रहा है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने टिहरी झील को भी देश के 17 वाटर एयरोड्रोम में शामिल किया है। इसके साथ ही इसे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम में भी शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही यहां वाटर एयरोड्रोम के निर्माण के साथ ही हवाई सेवा शुरू करने के लिए टेंडर भी आमंत्रित किए जाएंगे.

राज्य की झीलों और नदियों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। टिहरी झील को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा दिया गया है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार काफी समय से यहां सी प्लेन उतारने की योजना बना रही है। साल 2019 में राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी के बीच यहां वाटर एयरोड्रम बनाने का एग्रीमेंट हुआ था। इसी कड़ी में अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इसे वाटर एयरोड्रम के तौर पर मार्क कर दिया है। इससे सी प्लेन के यहां उतरने का रास्ता भी साफ हो गया है।
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हालांकि, इसमें कुछ समय लगेगा। इससे पहले झील में एयरोड्रम की लोकेशन चिन्हित की जाएगी। यह जगह ऐसी होगी जहां मोटर बोट के संचालन की अनुमति नहीं होगी। वाटर एयरोड्रम के निर्माण को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एएआई सहयोग करेगा। इसके सुरक्षा मानकों के लिए इनलैंड वाटर वेसल पालिसी भी बनाई जानी है, जिस पर जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है। दरअसल, केंद्र में इनलैंड वाटर वेसल पॉलिसी पहले से ही लागू है और राज्य सरकारों के पास भी अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार इसके लिए अपनी नीति बनाने की व्यवस्था है. इसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करना है।

सी प्लेन क्या है?

सी प्लेन एक विशेष प्रकार का हवाई जहाज होता है जिसे टेक ऑफ करने के लिए रनवे की आवश्यकता नहीं होती है। यह विमान पानी से टेक आफ और लैंडिंग कर सकता है पर्यटन गतिविधियों के अलावा बचाव कार्यों के दौरान इस विमान का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है।