देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी निकिता ढौंडियाल का सपना आखिरकार पूरा हो गया. ओटीए, चेन्नई में कठोर प्रशिक्षण के बाद वह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। शनिवार को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में हुई पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उनके कंधे पर सितारे लगाकर उनको बधाई दी। लेफ्टिनेंट निकिता ने पिछले साल इलाहाबाद में महिला प्रवेश योजना की परीक्षा पास की थी।
#MajVibhutiShankarDhoundiyal, made the Supreme Sacrifice at #Pulwama in 2019, was awarded SC (P). Today his wife @Nitikakaul dons #IndianArmy uniform; paying him a befitting tribute. A proud moment for her as Lt Gen Y K Joshi, #ArmyCdrNC himself pips the Stars on her shoulders! pic.twitter.com/ovoRDyybTs
— PRO Udhampur, Ministry of Defence (@proudhampur) May 29, 2021
बता दें कि कश्मीर के पुलवामा में 8 फरवरी 2019 में आतंकियों से लोहा लेते हुए देहरादून निवासी मेजर विभूति ढौंडियाल शहीद हो गए थे। इसके बाद निकिता ने अपने पति के नक्शे कदम पर चलकर देश की सेवा करने का फैसला किया. पिछले साल उन्होंने इलाहाबाद में महिला प्रवेश योजना की परीक्षा पास करने के बाद चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से ट्रेनिंग ली थी. शनिवार को निकिता लेफ्टिनेंट बनने के बाद वह अपने शहीद पति के नक्शेकदम पर चलकर देश की सेवा करेंगी। सूत्रों की मानें तो कोरोना की स्थिति सामान्य होने पर वह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून आएंगी।
शनिवार को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में हुई पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उनके कंधे पर सितारे लगाकर उनको बधाई दी। लेफ्टिनेंट निकिता ने पिछले साल इलाहाबाद में महिला प्रवेश योजना की परीक्षा पास की थी।
ढौंडियाल परिवार पौड़ी का रहने वाला है
मेजर विभूति ढौंडियाल का परिवार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के बैजरों के पास ढौंड गांव का रहने वाला है। विभूति के दादा केएन ढौंडियाल 1952 में दून आकर बस गए। विभूति के पिता और दादा दोनों राजपुर रोड स्थित वायु सेना के सीडीए कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे ।
विभूति घर में सबसे छोटे थे
तीन बहनों में सबसे छोटे 34 वर्षीय मेजर विभूति की शादी पिछले साल 19 अप्रैल को हुई थी। पत्नी निकिता कौल ढौंडियाल दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करती हैं। पिता ओपी ढौंडियाल का 2015 में निधन हो चुका है। तब से मां सरोज ढौंडियाल बीमार चल रही हैं। दो बहनों की शादी हो चुकी है। तीसरी बहन की शादी नहीं हुई है। वह दून इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षिका हैं।
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