देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे पुष्कर सिंह धामी के सामने सरकार की छवि सुधारने, पार्टी को एकजुट रखने और सभी को साथ लेकर चलने के साथ ही कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. . इन सबके अलावा विकास कार्यों में तेजी लाने और नौकरशाही को नियंत्रित करने की चुनौती भी है. ताकि बचे हुए समय में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।

माना जाता है कि चुनाव से पहले नौकरशाही आने वाले चुनाव परिणामों पर काफी हद तक भाप लेती है और ऐसे में नौकरशाह चुनावी मौसम में फाइलों को बढ़ा देते हैं. राज्य में चुनाव नजदीक हैं ऐसे में अब धामी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती विकास कार्यों की फाइलों को अधिकारियों से तेजी से आगे बढ़ाना होगा. शायद धामी सरकार भी इस चुनौती से वाकिफ होगी.

हालांकि, पिछले कुछ दिनों में सरकार ने अधिकारियों के तबादलों में काफी तेजी दिखाई है, लेकिन अब आने वाले दिनों में फाइलों की आवाजाही को लेकर सरकार के लिए अधिकारियों को विश्वास में लेना बेहद जरूरी होगा. वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु शर्मा का कहना है कि जब भी नौकरशाहों को यह उम्मीद होती है कि राज्य में सरकार वापस नहीं आएगी, वे चुनाव से पहले सरकार की बात सुनना बंद कर देते हैं.

इस मामले में कांग्रेस पदाधिकारियों के इस रवैये से वाकिफ होने की बात भी कर रही है, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पृथ्वी पाल सिंह चौहान का कहना है कि उत्तराखंड में भी नौकरशाहों ने भाजपा के जाने का पूर्वाभास और कांग्रेस के आने की उम्मीद के साथ अधिकारियों ने विकास कार्यों को ठप कर दिया हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद से पिछले 4 साल से सरकार कुछ नहीं कर पाई है, ऐसे में यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि सरकार छह महीने में कुछ कर पाएगी.

नौकरशाही के बारे में राजनीतिक दलों की सोच और विशेषज्ञों का विश्वास, धामी सरकार की आने वाली चुनौतियों को व्यक्त करते रहते हैं। लेकिन राज्य में विकास कार्यों को लेकर भी चिंता है। हालांकि बीजेपी इस मामले में साफ तौर पर कहती है कि राज्य सरकार ऐसे अधिकारियों की पहचान करेगी जो काम नहीं करना चाहते हैं, वहीं कांग्रेस पर हमला बोलते हुए बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स का कहना है कि धामी सरकार किस तरह से विकास कार्यों को करेगी, आने वाला वक्त बताएगा और कांग्रेस भी आने वाले चुनाव में पहले से भी बदतर हालात में नजर आएगी।