पौड़ी , PAHAAD NEWS TEAM

लॉकडाउन के दौरान आय में गिरावट आई तो गणेश नेगी ने बागवानी और मत्स्य पालन को रोजगार बना लिया । गणेश ने वर्षों से बंजर पड़ी अपनी और ग्रामीणों की भूमि को हरा भरा करने के लिए जीजान लगा दी। लगभग 45 नाली भूमि में सब्जी उत्पादन और मत्स्य पालन का कार्य शुरू किया, जो रंग ला रहा है। अब गणेश न केवल स्वरोजगार चला रहे हैं, बल्कि उन्होंने गाँव के ही दो युवाओं को भी रोजगार मुहैया कराया है।

पौड़ी विकास खंड के डुंगरी गांव के निवासी गणेश ने लॉकडाउन के दौरान आपदा में एक मौका तलाश लिया । वह लगभग 15 वर्षों से विभिन्न संस्थानों में एक विपणन एसोसिएट के रूप में काम कर रहे थे । इस काम से वह हर महीने 25 से 30 हजार कमा लेते थे । लॉकडाउन के दौरान उनका काम भी प्रभावित हुआ और उनकी आय में एक तिहाई की कमी आई। हालांकि, गणेश इससे निराश नहीं हुए और उन्होंने गांव में अपनी और अन्य ग्रामीणों की बंजर भूमि पर बागवानी और मत्स्य पालन करने का फैसला किया। इस फैसले में उनकी पत्नी शशि नेगी ने भी पूरा साथ दिया । गणेश और शशि ने हस्तचालित ट्रैक्टर के साथ लगभग 40 नाली की जमीन जोत डाली और यहां गोभी, प्याज, आलू, मटर, ककड़ी, सेम, मिर्च, टमाटर, लौकी आदि का उत्पादन शुरू किया। सिंचाई के लिए, गदेरे से पानी खेतों तक पहुंचाया गया। । इसके अलावा, गणेश ने 200 वर्गमीटर पर एक फिश पौंड भी बनाया। हालांकि, गणेश को इन सभी कार्यों में कृषि विभाग और मत्स्य विभाग से वित्तीय सहायता मिली। गणेश ने बताया कि सब्जी की फसल लगभग तैयार है। फसल बहुत अच्छी हुई है। फिश पौंड में भी मछली बिक्री के लिए तैयार है। गणेश कहते हैं कि उन्होंने घर से ही स्वरोजगार शुरू किया और अब लोग जुड़ रहे हैं। गणेश क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी इस कारवां में जोड़ना चाहते हैं। गणेश का उद्देश्य है कि गांव में जितनी भी भूमि बंजर पड़ी है, उसे हरा-भरा किया जाए।