देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की तैयारी चल रही है. इस कड़ी में लर्निंग और स्थायी लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। स्थायी लाइसेंस बनवाने से पहले आवेदक का ड्राइविंग टेस्ट लिया जाएगा और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी। इसका डाटा वाहन पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा। मकसद यह है कि लाइसेंस उन्हीं को जारी किया जाए जो ठीक से गाड़ी चलाते हैं।

इस समय राज्य में वाहन हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वाहन दुर्घटनाओं के कारणों की जांच से पता चला है कि अधिकांश वाहन दुर्घटनाएं मानवीय भूल के कारण होती हैं। इसमें तेज रफ्तार, शराब पीकर गाड़ी चलाना और लापरवाही से वाहन चलाना जैसे कारण शामिल हैं। इसमें एक और बात जो सामने आई वो ये है कि ऐसे ज्यादातर ड्राइवरों के पास लाइसेंस तो होते हैं लेकिन उन्हें ठीक से गाड़ी चलाना नहीं आता. ऐसे चालकों को दलालों के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त किए बिना दुपहिया और चौपहिया वाहन चलाने का लाइसेंस मिलता है। लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए गए, लेकिन फिर भी दलालों का बोलबाला रहा। इसे देखते हुए अब प्रदेश में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाने की तैयारी की जा रही है। यह ट्रेक देहरादून में बनाया गया है, अब इस ट्रेक का निर्माण अन्य जिलों में भी किया जा रहा है। इसमें अभी समय लगेगा।

हाल ही में मुख्य सचिव एसएस संधू ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने विभागीय अधिकारियों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया को पारदर्शी और मजबूत बनाने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने सभी जिलों में जल्द से जल्द ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाने को भी कहा है. मुख्य सचिव के निर्देश के मुताबिक अब विभाग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में टेस्टिंग की वीडियोग्राफी करने की योजना बना रहा है.