देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

मसूरी शहर में जाम से निजात दिलाने के लिए प्रस्तावित 2.74 किलोमीटर लंबी सुरंग हाथीपांव रोड के पास कार्टमाकेन्जी की तरफ से शुरू की जाएगी. इस क्षेत्र में पीने के पानी का सबसे बड़ा स्रोत भी है। हालांकि कार्यकारी निकाय राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला के अधिकारियों का कहना है कि एलाइनमेंट तय करने से पहले सुरंग का उचित सर्वेक्षण किया जाएगा. जिसमें पेयजल स्रोतों का भी ध्यान रखा जाएगा। ताकि वे सुरंग निर्माण से प्रभावित न हों।

सड़क खंड के कार्यपालक अभियंता ओपी सिंह के अनुसार सलाहकार को सुरंग के सर्वे के लिए सभी सावधानियां बरतने के निर्देश दिए गए हैं. जब भी एलाइनमेंट के लिए सर्वेक्षण किया जाएगा, जल संस्थान, पेयजल निगम के अधिकारियों सहित स्थानीय निवासियों के साथ भी चर्चा की जाएगी। जरूरी है कि अभी की स्थिति के मुताबिक कार्टमैकेंजी के पास से टनल का निर्माण शुरू किया जाएगा। यह वह क्षेत्र है जहां पीने के पानी के सबसे अधिक स्रोत उपलब्ध हैं। वहीं, पिछले दिनों पेयजल निगम के अधिकारियों ने सुझाव दिया था कि कि टनल की शुरुआत क्यारकुली गांव के नागदेवता क्षेत्र से की जानी चाहिए। क्योंकि इस क्षेत्र में कोई भी पेयजल योजना नहीं है और न ही कोई जल स्रोत है ।

नौ जलस्रोतों के प्रभावित होने की आशंका

पेयजल योजनाओं के विशेषज्ञ व जानकार बता रहे हैं कि सुरंग निर्माण से नौ पेयजल योजनाएं/जल स्रोत प्रभावित हो सकते हैं. ये जलाशय सुरंग के मार्ग से करीब तीन किमी के दायरे में हैं। वे रोजाना 50 लाख लीटर पानी मसूरी को सप्लाई करते हैं। इन स्रोत में भिलाड़ू, जिंसी, खनाल्टी, कंडीघाट, बांसी, जान मैकनान, अंडर क्लिफ, न्यूबाई, छमरकुंड शामिल हैं।

जिंसी स्रोत को सड़क निर्माण से खतरा

पेयजल स्रोत जिंसी से आधे मसूरी क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति की जाती है। यह स्रोत मानसून से पहले व बाद में 30 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) से 100 से अधिक एलपीएम पानी मिलता है। इस स्रोत के पास लोनिवि का थत्यूड़ खंड सड़क का निर्माण कर रहा है। लिहाजा, स्रोत को किसी भी तरह के प्रभाव से बचाने के लिए लोनिवि व जल संस्थान के अधिकारियों ने संयुक्त सर्वे किया।