देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना संक्रमण के कारण माता-पिता को खो चुके बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ की घोषणा की है. इसके तहत ऐसे अनाथ बच्चों को 21 साल की उम्र तक तीन हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता दिया जाएगा। साथ ही राज्य सरकार उनकी शिक्षा और रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी करेगी। इन बच्चों को सरकारी नौकरियों में भी पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा।

महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित योजना के तहत अनाथ बच्चों के भरण-पोषण के मद्देनजर उनके माता-पिता को 18 वर्ष की आयु तक दो हजार रुपये प्रति माह की राशि दी जाती है। निर्धारित प्रावधानों के तहत केवल उन्हीं बच्चों को लाभ मिलता है जिनके माता-पिता की मासिक आय 2400 रुपये है। अब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जिनमें संक्रमण की चपेट में आकर माता-पिता का निधन होने से बच्चे अनाथ हो गए। . इन बच्चों की मदद के मद्देनजर राज्य सरकार मंथन में लगी हुई थी. दो दिन पहले महिला अधिकारिता एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर ऐसे अनाथ बच्चों को 18 साल की उम्र तक मुफ्त राशन और शिक्षा मुहैया कराने का सुझाव दिया था. साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि अनाथ बच्चों के वयस्क होने तक उनकी पैतृक संपत्ति को खुर्द-बुर्द होने से बचाया जाए । मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को इस मुद्दे पर गहन मंथन के बाद मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना उन अनाथ बच्चों के लिए है जिन्होंने कोरोना संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। ऐसे बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा और रोजगार की व्यवस्था सरकार करेगी। साथ ही अनाथ बच्चों की पैतृक संपत्ति के लिए भी नियम बनाए जाएंगे। वयस्क होने तक किसी को भी अपनी पैतृक संपत्ति बेचने का अधिकार नहीं होगा। यह जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिलाधिकारी के पास होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत राज्य में ऐसे बच्चों को तीन हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता दिया जाएगा, जिनके परिवार के एकमात्र मुखिया की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है.

तीन जिलों में पांच लड़कियां अनाथ

कोरोना संक्रमण में माता-पिता को खोने वाले बच्चों का जिलों से डेटा एकत्र किया जा रहा है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग को मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अब तक ऐसी पांच लड़कियों के बारे में जानकारी सामने आई है जिनके माता-पिता की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है. इनमें बागेश्वर की एक लड़की और नैनीताल और अल्मोड़ा की दो-दो लड़कियां हैं। ये सभी फिलहाल अपने रिश्तेदारों के पास रह रही हैं।