देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

पंचांग के अनुसार आज सावन का पहला सोमवार है. आज बहूत शुभ दिन है। इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व माना जाता है। श्रावण का महीना यानि सावन का महीना शुरू हो गया है. पंचांग के अनुसार 26 जुलाई 2021 सोमवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है.

गजकेसरी योग : 26 जुलाई को कुंभ राशि में चंद्रमा का गोचर बना हुआ है। जहां देवगुरु बृहस्पति पहले से विराजमान हैं। गुरु वक्री अवस्था में है। चन्द्रमा की गुरु के साथ युति शुभ योग का निर्माण कर रही है। ज्योतिष में इस योग को गजकेसरी योग कहा जाता है। गजकेसरी योग को ज्योतिष में राजयोग माना जाता है। यह योग व्यक्ति को शिक्षा, करियर, नौकरी और व्यवसाय में विशेष सफलता दिलाता है।

ऐसे करें पूजा सावन के महीने में भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक और विधि-विधान से पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पूजा में भगवान शिव की प्रिय वस्तु अर्पित की जाती है और इनमें बेलपत्र भी शामिल है। बेल पत्र भोलेनाथ को प्रिय है।

सावन में सोमवार के दिन सुबह जल्दी स्नान कर घर के मंदिर में दीप जलाएं। उसके बाद शिव मंदिर में जाकर गंगाजल और दूध के साथ धतूरा, बेलपत्र, पुष्प, गन्ना आदि अर्पित करें. इसके साथ ही भगवान की प्रिय चीजों को भोग लगाएं, शिव आरती और शिव चालीसा, शिव के 108 नामों के साथ ‘ॐ नम: शिवाय का जप करें ।

पूजा सामग्री: सावन के पहले सोमवार में भगवान शिव की पूजा के लिए फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री शामिल करें ।

सावन माह का महत्व: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। सावन का महीना शिव भक्तों के लिए सबसे प्रिय महीना माना जाता है। सावन के महीने में ही पवित्र कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में पूजा करने से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।