PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सुदूरवर्ती सर बडियार पट्टी के डिंगाड़ी और सर गांवों में मोबाइल की घंटी बजनी शुरू हो गई है। भले ही मोबाइल कनेक्टिविटी अभी घरों के अंदर नहीं आ रही है, लेकिन ग्रामीण अपने आंगन और खेतों में जा रहे हैं और अपने रिश्तेदारों से बात कर रहे हैं। मोबाइल अब इन ग्रामीणों के लिए एक अजूबा नहीं है।

पुरोला तहसील की पट्टी सर बडियार क्षेत्र के गाँव सर, पौंटी, डिंगाड़ी, लेवटाड़ी , छानिका, गोल, किमडार, कासलौं में पड़ते है। पुरोला तहसील मुख्यालय से इन गांवों तक पहुंचने के लिए 18 किलोमीटर से अधिक पैदल चलना पड़ता है। दूसरा रास्ता बड़कोट से सरनौल तक 40 किमी सड़क मार्ग है। सरनौल के निकट गंगराली पुल से 16 किलोमीटर दूर सर बडियार है। ये गाँव अभी तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़े हैं। वन भूमि हस्तांतरण की कार्यवाही चल रही है, लेकिन इस बीच, सर और डिंगाडी गांव में सरनोल की Jio कंपनी के टावर से नेटवर्क आ रहे है और इंटरनेट कनेक्टिविटी भी आ रही है। कुछ ग्रामीणों ने गांव में मोबाइल भी खरीदे हैं।

डिंगाड़ी गाँव से मोबाइल के माध्यम से PAHAAD NEWS से बात करते हुए, गाँव के निवासी कैलाश सिंह रावत ने कहा कि उन्हें इतनी जल्दी उम्मीद नहीं थी कि मोबाइल नेटवर्क सर बडियार में आएँगे और ग्रामीण गांव से ही शहरों में रह रहे अपने स्वजनों की कुशलक्षेम पूछ सकेंगे । कैलाश रावत ने कहा कि वर्तमान में सर बडियार के छह अन्य गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है। सही नेटवर्क और इंटरनेट की सही कनेक्टिविटी के लिए, सर बडियार क्षेत्र में टावरों को स्थापित करना आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने Jio कंपनी के अधिकारियों से भी बात की है। इसके साथ ही, सरनौल में लगे मोबाइल टावरों की रेंज क्षमता बढ़ाने की मांग की गई है।