देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सतपाल महाराज की मुख्यमत्री के पद के लिए पैरवी की है. नरेंद्र तोमर कल सुबह पर्यवेक्षक के रूप में देहरादून पहुंच रहे हैं. कल शाम बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी.

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार देर रात पद से इस्तीफा दे दिया । पिछले तीन दिनों से दिल्ली में रुके तीरथ को शुक्रवार दोपहर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके विधानसभा उप चुनाव में आ रही संवैधानिक अड़चन की जानकारी देते हुए साफ कर दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा। इसके बाद तीरथ उन्हें अपने इस्तीफे का प्रस्ताव पत्र सौंपते हुए देहरादून लौट आए। मुख्यमंत्री तीरथ ने रात्रि सवा 11 बजे राजभवन जाकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा मंजूर करते हुए नए मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने को कहा। नया नेता चुनने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक शनिवार दोपहर तीन बजे देहरादून में बुलाई गई है । तय है कि इस बार नए नेता का चुनाव विधायकों में से होगा |

मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पत्र में कहा हैं कि आर्टिकल 164-ए के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद छह माह में विधानसभा का सदस्य बनना था, लेकिन आर्टिकल 151 कहता हैं अगर विधान सभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय बचता हैं तों वहां पर उप-चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उतराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहता हूं। उत्तराखंड में अगले साल विधान सभा चुनाव होने वाले हैं।

त्रिवेंद्र के बाद तीरथ की नाटकीय विदाई

पिछले मार्च में जिस तरह से नाटकीय और अप्रत्याशित तरीके से त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री पद से हटे थे, उसी तरह तीरथ सिंह रावत की विदाई की पटकथा भी थी। 17 जून को अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे करने वाले तीरथ को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उपचुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलने से उन्हें इतनी जल्दी मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी. अगर उन्हें ऐसा आभास होता तो शायद वे अपने छोटे से कार्यकाल में हुए साल्ट (अल्मोड़ा) विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में खुद मैदान में उतरते.

संवैधानिक बाध्यता के कारण पद छोड़ना होगा

रामनगर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर के तुरंत बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें दिल्ली बुलाया था। ऐसे अचानक बुलावे से सियासी गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया. बुधवार दोपहर दिल्ली पहुंचे तीरथ की आधी रात के करीब गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई. इसके बाद तीरथ दिल्ली स्थित अपने आवास पर चले गए। उन्हें गुरुवार को वापस लौटना था, लेकिन पार्टी ने उन्हें दिल्ली में रहने के लिए कहा। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे तीरथ सिंह रावत दोबारा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने उनके आवास पहुंचे। यहां करीब आधे घंटे तक चली बैठक के दौरान उन्हें बताया गया कि उपचुनाव पर चुनाव आयोग की रोक के चलते उन्हें पद छोड़ना पड़ेगा. इस पर तीरथ ने पार्टी अध्यक्ष को अपने इस्तीफे की पेशकश करते हुए एक पत्र सौंपा।

तीरथ पहले ही दे चुके थे पद छोड़ने के संकेत

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए तीरथ ने हालांकि पद छोड़ने के सवाल का जवाब नहीं दिया, लेकिन एक बात कही, जो इशारा कर रही थी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह संसद के आगामी सत्र में पूर्णकालिक रूप से भाग लेने के लिए दिल्ली में रहेंगे। दरअसल तीरथ सिंह रावत लोकसभा में पौड़ी गढ़वाल सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने लोकसभा की सदस्यता नहीं छोड़ी। माना जा रहा था कि विधानसभा उपचुनाव का कार्यक्रम तय होते ही वह लोकसभा से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षक होंगे तोमर

तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री का पद संभालने के छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना था। यह अवधि 9 सितंबर को समाप्त हो रही है। वर्तमान में उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटें खाली हैं। इनमें से एक गंगोत्री और दूसरी हल्द्वानी है। गंगोत्री सीट भाजपा विधायक गोपाल रावत के निधन के कारण खाली हुई थी, इसलिए उनके यहां से उपचुनाव लड़ने की संभावना थी। अब जब तीरथ ने उपचुनाव नहीं लड़ने के कारण मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवा दी है, तो तय है कि भाजपा जो भी नया मुख्यमंत्री बनाएगी, वह विधायकों में से एक होगा। विधायक दल का नया नेता चुनने के लिए बीजेपी विधायक दल की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूद रहेंगे. इस मौके पर प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और रेखा वर्मा भी मौजूद रहेंगे.

तीरथ थके हुए लग रहे थे

तीरथ सिंह रावत शाम करीब साढ़े सात बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। आठ बजे देहरादून पहुंचने पर वह बीजापुर स्टेट गेस्ट हाउस गए। उनके कुछ करीबी लोग और मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह उनके साथ थे। इस दौरान उनके एक्सप्रेशन से उस स्थिति का साफ बखान हो रहा था जिससे उन्हें पिछले तीन दिनों से गुजरना पड़ा था। इस दौरान तीरथ सिंह रावत काफी थके हुए और हताश नजर आ रहे थे.