उत्तरकाशी के यमुना घाटी के करीब 22 से ज्यादा गाँव सेब की पैदावार करके ही अपना जीवन चला रहे हैं यहाँ के बागीचों से फल देश ही नहीं विदेशी मंड़ियों में भी जाता है। लेकिन 2019 में आई आपदा के बाद से इन सभी गाँव को भारी नुक्सान हुआ, लेकिन इस बीच गाँव के युवकों ने बागीचों में सेब की नई प्रजाती के पे़ड़ लगाए हैं यह एक साल में फल देना शुरू कर देते हैं।

2019 में आई आपदा के बाद से लोगों के बगीचे व खेत बह गए थे जिसके बाद से वहां के लोगों के लिए यह एक आर्थिक सम्सया बन गई है हालांकि इस बार सेब कि अच्छी पैदावार देखने को मिली है, वहां के लोगो का कहना है कि सेब कि पैदावार में उन्हें पानी से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है।