-सहायक कृषि अधिकारी ग्रेड-1 के 34 पदों पर जारी किया गया है विज्ञापन
-पद की अर्हता रखी गई है कृषि स्नातकोत्तर
-वर्ष 2011 में भी किया गया था नियमावली को तार-तार
-नियमावली संशोधित होने से हजारों युवा हो गए बाहर
-अर्हता होनी चाहिए  बीएससी एग्रीकल्चर के साथ एमएससी एग्रीकल्चर

विकासनगर,

जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हाल ही में शासन द्वारा सहायक कृषि अधिकारी-ग्रेड फर्स्ट के 34 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने हेतु विज्ञापन जारी किया गया है, जिसमें पद की शैक्षिक अर्हता स्नातकोत्तर एग्रीकल्चर रखी गई है, जबकि पूर्व में कृषि नियमावली 1993 में स्पष्ट उल्लेख था कि उक्त पदों हेतु अर्हता स्नातक एग्रीकल्चर है द्यआश्चर्य की बात है कि कृषि मंत्री जी एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा गत वर्ष बिना होमवर्क किए  अर्हता कृषि स्नातकोत्तर कर दिया गया, जबकि कृषि निदेशालय के पत्र 21 जून 2017 में स्पष्ट उल्लेख था कि  अहर्ता कृषि स्नातक के साथ संबंधित क्षेत्र में कृषि स्नातकोत्तर होना चाहिए, लेकिन अपने मन- माफिक नियमावली में संशोधन कर दिया गया द्यउल्लेखनीय है कि उल्लेखनीय है कि बीएससी एग्रीकल्चर एक स्पेसिफिक कोर्स है, जो 4 साल का होता है तथा लगभग 27 विषयों में छात्रों को ट्रेंड किया जाता है। नेगी ने कहा कि पूर्व में भी विभाग द्वारा इन्हीं पदों हेतु भर्ती प्रक्रिया संपन्न कराई गई थी, जिसमें तत्कालीन कृषि सचिव ओम प्रकाश ने नियमावली को संशोधित किए बगैर एवं मानकों को तार-तार कर कृषि स्नातक की जगह संबंधित क्षेत्र में  स्नातकोत्तर कर दिया था, जिस कारण कृषि क्षेत्र में बीएससी एग्रीकल्चर किए अभ्यर्थी बाहर हो गए थेद्य नियुक्ति पश्चात उक्त मामले में शासन द्वारा भी नियमावली का घोर उल्लंघन माना गया थाद्य नेगी ने कहा कि उक्त ग्रेड फर्स्ट के पदों पर भर्ती प्रक्रिया हेतु यूकेएसएसएससी को जिम्मा दिया गया है। नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि यह तो बिल्कुल वैसा ही हो गया जैसे एमडी स्नातकोत्तर कोर्स एमबीबीएस के बिना। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि सहायक कृषि अधिकारी ग्रेड फर्स्ट हेतु अर्हता बीएससी एग्रीकल्चर के साथ संबंधित क्षेत्र में एमएससी एग्रीकल्चर कर नियमावली में संशोधन करें। पत्रकार वार्ता में के.सी. चंदेल व सुशील भारद्वाज मौजूद थे।