देहरादून , पहाड़ न्यूज टीम

हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट : जर्नल ‘साइबरसाइकोलॉजी, बिहेवियर एंड सोशल नेटवर्किंग’ बताती है कि सोशल मीडिया से महज एक हफ्ते की दूरी पर काफी बदलाव आएगा। सोशल मीडिया से कुछ दिनों की छुट्टी लेकर व्यक्तियों के समग्र स्तर में सुधार हुआ। साथ ही, अवसाद और चिंता के लक्षण कम हो गए।

हम जानते हैं कि सोशल मीडिया का उपयोग काफी बढ़ गया है लेकिन साथ ही मानसिक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में चिंता बढ़ रही है। इसलिए इस अध्ययन के साथ हम यह देखना चाहते थे कि क्या सिर्फ लोगों को एक सप्ताह का ब्रेक लेने के लिए कहने से मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है। बाथ विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता जेफ लैम्बर्ट ने कहा कि हमारे कई प्रतिभागियों ने कहा कि सोशल मीडिया से दूर रहने के बाद उनका मूड बेहतर था और चिंता कम हुई।

लैम्बर्ट ने कहा कि इससे पता चलता है कि एक छोटे से ब्रेक का भी असर हो सकता है। अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने 15 समूहों को आवंटित किया जिनकी आयु 18 से 72 वर्ष के बीच थी। इनमें से रोजाना सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले 4 लोगों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया। यह पाया गया कि जो लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करते उनमें अवसाद या चिंता कम पाई गई, जबकि इस्तेमाल करने वालों में तनाव देखा गया।

अध्ययन की शुरुआत में प्रतिभागियों ने सोशल मीडिया पर प्रति सप्ताह औसतन 8 घंटे खर्च करने की सूचना दी। एक सप्ताह के बाद, प्रतिभागियों को एक सप्ताह का ब्रेक लेने के लिए कहा गया। इससे दूर रहने वाले सोशल मीडिया का इस्तेमाल जारी रखने वालों से ज्यादा खुश नजर आए। प्रतिभागियों को औसतन 21 मिनट के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करके एक सप्ताह का ब्रेक लेने के लिए कहा गया था। स्क्रीन उपयोग के आँकड़े यह जाँचने के लिए प्रदान किए गए थे कि क्या व्यक्तियों ने ब्रेक का पालन किया है।