नैनीताल , PAHAAD NEWS TEAM

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ रणनीतिक समझौता होने के बावजूद रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है लेकिन अमेरिका इससे कभी नाराज नहीं हुआ। जबकि पाकिस्तान ने रूस से 30 प्रतिशत की अर्थव्यवस्था से तेल लिया और अमेरिका नाराज हो गया। उन्होंने कहा कि अमेरिका भी अफगानिस्तान में अपनी नाकामियों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता रहा है।

इमरान खान ने एक बार फिर विदेशी पाकिस्तानियों को वर्चुअल संबोधन में भारत का जिक्र किया। इमरान अतीत में कई मौकों पर भारत का जिक्र करते रहे हैं और उनमें से कई में उन्होंने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की प्रशंसा की। अविश्वास प्रस्ताव में हार के बाद विदेशी पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार चीन और रूस के साथ अच्छे संबंध चाहती है।

इमरान खान ने कहा, ‘अमेरिका को पाकिस्तान में स्वतंत्र सरकार देखने की आदत नहीं है। मेरी सरकार अमेरिकी विरोधी नहीं थी, बल्कि एक स्वतंत्र सरकार थी। मैं कभी भी अमेरिकी विरोधी नहीं रहा। कोई किसी देश के खिलाफ नहीं है। डोनाल्ड ट्रंप के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध थे। इस पर विस्तार से बताते हुए इमरान खान ने कहा, ‘पाकिस्तान का 9/11 की घटना से कोई लेना-देना नहीं था। लेकिन पाकिस्तान अमेरिका का गुलाम बन गया। उनकी मांगें बढ़ती रहीं।

इमरान ने कहा, ‘हम चीन और रूस के साथ अच्छे संबंध चाहते थे। चीन हमारा पड़ोसी देश है। फिर रूस से निमंत्रण आया। रूस के साथ हमारे हमेशा तनावपूर्ण संबंध रहे हैं क्योंकि शीत युद्ध में रूस के खिलाफ पाकिस्तान अमेरिका के साथ था। इसलिए जब रूस ने 30 प्रतिशत रियायत पर तेल की पेशकश की तो हमने उसे खरीद लिया। बस, इस बात पर अमेरिका भड़क गया।