देहरादून : भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का दूसरा मैच बरबाडोस के केंसिंग्टन ओवल में खेला गया। इस मैच में मेजबान टीम ने टीम इंडिया को 6 विकेट से हराकर न सिर्फ सीरीज बराबर कर ली बल्कि टीम इंडिया की जीत का सिलसिला भी खत्म हो गया. वनडे फॉर्मेट में पिछले 5 साल में वेस्टइंडीज की भारत पर यह पहली जीत है, जबकि पिछले 10 वनडे मैचों में उसने टीम इंडिया को पहली बार हराया है.

इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने ईशान किशन के अर्धशतक की मदद से वेस्टइंडीज के सामने 182 रनों का लक्ष्य रखा, जिसे मेजबान टीम ने 36.4 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया. अर्धशतक लगाने वाले कप्तान शे होप विंडीज की जीत के स्टार रहे. आइए जानते हैं भारत की हार के 5 मुख्य कारण-

रोहित-कोहली को आराम देना पड़ा भारी

बारबाडोस वनडे में टीम इंडिया की हार की बड़ी वजह रोहित शर्मा और विराट कोहली की गैरमौजूदगी रही. युवाओं को मौका देने के लिए इन दोनों वरिष्ठ खिलाड़ियों को आराम दिया गया है, लेकिन क्या विश्व कप से कुछ महीने पहले टीम प्रबंधन का फैसला सही होगा? इस मैच में टीम इंडिया को रोहित शर्मा की कप्तानी के साथ मध्यक्रम में विराट कोहली के अनुभव की काफी कमी महसूस हुई.

कोहली वनडे क्रिकेट के बादशाह हैं और खेल को अच्छे से खेलना जानते हैं। अगर वह टीम में मौजूद होते तो निश्चित तौर पर युवा खिलाड़ियों के साथ मिलकर टीम को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक ले जाते। वहीं कम स्कोर वाले मैच में रोहित शर्मा के निडर कप्तानी फैसलों की भी कमी दिखी.

गिल-किशन ने अच्छी शुरुआत की

सौभाग्य से, वरिष्ठ खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में, ईशान किशन को एक बार फिर पारी की शुरुआत करने का मौका मिला और उन्होंने सीरीज का लगातार दूसरा अर्धशतक बनाते हुए, शुबमन गिल के साथ 90 रन की साझेदारी की। किशन ने 55 और गिल ने 34 रन बनाये. लेकिन इन दोनों बल्लेबाजों के आउट होते ही टीम ताश के पत्तों की तरह ढह गई.

सलामी बल्लेबाजों को छोड़कर पूरे बल्लेबाजी क्रम को झटका लगा

रोहित-विराट की गैरमौजूदगी में भी भारत के पास 8वें नंबर तक बल्लेबाजी के विकल्प मौजूद थे, जबकि घरेलू क्रिकेट में कुलदीप यादव का रिकॉर्ड भी शानदार रहा है. लेकिन 90 रन की ओपनिंग पार्टनरशिप के बाद भी टीम इंडिया 181 रन पर ढेर हो गई. भारत ने अगले 9 विकेट सिर्फ 91 रन पर गंवा दिए. अब इसे मेजबान टीम की कसी हुई गेंदबाजी कहें या भारतीय बल्लेबाजों का फ्लॉप प्रदर्शन।

8 महीने बाद संजू सैमसन को नीली जर्सी में खेलने का मौका मिला, लेकिन उन्होंने इस बार भी निराश किया. इसके अलावा हार्दिक पांड्या और रवींद्र जड़ेजा जैसे बल्लेबाज भी कुछ नहीं कर सके. सूर्यकुमार यादव ने 24 रन की पारी जरूर खेली, लेकिन वह इस अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल सके. कुल 5 भारतीय बल्लेबाज सिंगल डिजिट में आउट हुए.

स्पिनर काम नहीं कर रहे थे

पहले वनडे में स्पिनरों की अपार सफलता को देखते हुए टीम प्रबंधन ने दूसरे मैच में अक्षर पटेल, कुलदीप यादव और रवींद्र जड़ेजा के रूप में तीन स्पिनरों को खिलाने का फैसला किया. लेकिन इस बार भारतीय स्पिनर काम नहीं आये. एकमात्र विकेट कुलदीप यादव ने शिम्रोन हेटमायर को क्लीन बोल्ड करके हासिल किया, लेकिन जडेजा और अक्षर को कोई सफलता नहीं मिली। हैरानी की बात यह है कि तीनों स्पिनरों ने मिलकर केवल 16 ओवर फेंके और अक्षर पटेल को कम से कम 2 ओवर डालने का मौका मिला।

शे होप ने भारतीय टीम की निकाली हवा

अच्छी शुरुआत के बाद वेस्टइंडीज की पारी लड़खड़ा गई. लक्ष्य का पीछा करने उतरी विंडीज को काइल मेयर्स (36) और ब्रैंडन किंग (15) की जोड़ी ने अच्छी शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 53 रन जोड़े, मगर शार्दुल ठाकुर की कहर बरपाती गेंदबाजी के चलते मेजबानों ने 20 रन के अंदर 3 विकेट गंवा दिए।

इसके बाद कुलदीप यादव ने शिमरन हेटमायर को 9 रन के निजी स्कोर पर बोल्ड कर मैच में रोमांच पैदा करना चाहा, लेकिन कप्तान शे होप (63) ने एक छोर संभाला और ब्रेंडन किंग (48) के साथ 5वें विकेट के लिए 91 रनों की नाबाद साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई।

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