रुड़की , पहाड़ न्यूज टीम

रुड़की : कावड़ यात्रा 14 जुलाई से शुरू हो गई है. धर्मनगरी हरिद्वार शिव भक्तों की आस्था और भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठा है. इसी विश्वास के साथ बुलंदशहर निवासी श्रवण व राजेश अपने दिव्यांग भाई रमेश व मां सावित्री देवी को पालकी में कांवड़ यात्रा कराकर सेवा करने का संदेश दे रहे हैं.

बता दें, 11 जुलाई को हरकी पैड़ी में गंगा स्नान कर गंगा जल भरकर पालकी में दिव्यांग भाई और उनकी बूढ़ी मां को विराजमान किया गया था. इसके बाद दोनों भाई अपने विकलांग भाई और वृद्ध मां को पालकी से कंधे पर उठाकर हरिद्वार से बुलंदशहर की यात्रा पर निकल पड़े. शुक्रवार को दोनों भाई रुड़की के मैंगलोर पहुंचे, जहां उन्होंने विश्राम किया.

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हरिद्वार से बुलंदशहर की दूरी 250 किलोमीटर है। लेकिन दोनों भाइयों की भगवान शंकर के प्रति आस्था ने विकलांग भाई और बूढ़ी मां की सेवा का संदेश दिया है. श्रवण ने बताया कि पिछली बार जब वह कांवड़ को लाया था तो उसने हरियाणा के एक लड़के को अपने माता-पिता को इस तरह ले जाते देखा था। मैंने तभी सोच लिया था कि में भी अपनी मां और दिव्यांग भाई को कांवड़ यात्रा करवायुगा .