मसूरी :
अखिल भारतीय मजदूर परिषद ने सचिव शहरी विकास उत्तराखंड शासन को एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन देकर कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान की मांग की। वहीं चेतावनी दी कि यदि एक माह के अंदर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो कार्य बहिष्कार किया जायेगा।
ज्ञापन में कहा गया कि पूर्व में विगत वर्ष 5 अप्रेल 2022 को घोषणा की गई थी कि प्रत्येक पर्यावरण मित्र को पांच सौ रूपया मानदेय दिया जायेगा जिसमें संविदा कर्मी, स्वच्दता समिति, दैनिक वेतन भोगी आदि शामिल थे जिसका शाासनादेश भी जारी किया गया लेकिन मसूरी नगर पालिका ने स्वच्छता समिति व आउटसोर्स कर्मचारियों का आज तक मानदेय नहीं बढाया गया जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि कई बार नगर पालिका अधिशासी को पत्र लिखकर व मौखिक कहा गया। वहीं न ही वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन किया जा रहा है। न ही पर्यावरण मित्रों को गत पाचं वर्ष से कंबल व वर्दी दी गई।

ज्ञापन में मांग की गई कि शासनादेश को बहाल कर चतुर्थ श्रेणी के पदों को पुनर्जीवित किया जाय, ठेका प्रथा में संशोधन कर स्वच्छता समिति के पर्यावरण मित्रों को एक पद मानते हुए स्थाई किया जिन्हें कार्य करते हुए दस से पंद्रह साल हो गये हैं, आउट सोर्स कर्मियों को उपनल के बजाय नगर पालिका से वेतन दिया जाय, पुरानी पेशन प्रणाली को बहाल किया जाय, स्वच्छता समिति व आउटसोर्स के पर्यावरण मित्रों को पांच सौ रूपया प्रतिदिन के हिसाब से एरियर दिया जाय व इसके लिए नगर पालिका को आदेशित किया जाय। ज्ञापन में कहा गया कि अगर तीस दिनों के अंदर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो सभी कर्मी कार्य बहिष्कार करने को बाध्य होंगे। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्ण गोनियाल, सहित संगठन के सदस्य मौजूद रहे।