बागेश्वर : लश्कर खेत के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की मांग को लेकर छुवाबैंड के पास मुख्य मार्ग जाम कर दिया. इस दौरान वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बाधित रहा। जिससे यहां वाहनों की लंबी कतार लग गई। ग्रामीणों का गुस्सा देख तहसीलदार मौके पर पहुंचे। उनके समझाने के बाद भी ग्रामीण संतुष्ट नहीं हुए। ग्रामीण लोनिवि व वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाने पर अड़े रहे। जिसके बाद लोनिवि के अधिकारी मौके पर पहुंचे।डीएफओ से भी फोन पर बात की। इसके बाद ग्रामीणों से एक सप्ताह का समय मांगा गया। करीब 4 घंटे बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया

आपको बता दें कि आज 10 बजे से लश्कर खेत के ग्रामीण मुख्य मार्ग ग्वालदम मोटर रोड स्थित छुवाबैंड में धरने पर बैठे थे. छुवाबैंड से पिग्लों तक साढ़े चार किलोमीटर सड़क की मांग की गई। गरुड़ तहसील से 18 किमी दूर लश्कर खेत के ग्रामीण सड़क की मांग को लेकर कई सालों से आंदोलन कर रहे हैं. सड़क नहीं बनने से आक्रोशित ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग जाम कर दिया. इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने सड़क नहीं तो वोट नहीं के नारे भी लगाए

दो घंटे बाद बागेश्वर से तहसीलदार दीपिका आर्य ग्रामीणों से बात करने पहुंचीं। उन्होंने आंदोलनकारियों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाने की बात कही। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता विजेंद्र मेहरा जेई अनुज कुमार मौके पर पहुंचे.

विजेंद्र मेहरा ने ग्रामीणों को बताया कि वन विभाग से अनुमति नहीं मिलने के कारण उन्हें परेशानी हो रही है. वन विभाग को पत्र भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही लोक निर्माण विभाग सड़क के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर देगा। इसके बाद भी जब ग्रामीण नहीं माने तो ग्राम प्रधान प्रदीप राठी ने डीएफओ बागेश्वर से फोन पर बात की। उन्होंने एक सप्ताह का समय मांगा है।

कांवड़ यात्रा 2023 : 3 करोड़ से ज्यादा कांवड़िए उत्तराखंड पहुंचेंगे , केंद्र से की अर्धसैनिक बल की मांग