अल्मोड़ा/काशीपुर , PAHAAD NEWS TEAM

राज्य भर के निगमों और नगर पालिकाओं के स्वच्छता कर्मचारी ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने की मांग के बारे में मुखर हो गए हैं। अल्मोड़ा में, निकायों सहित सरकारी विभागों में सफाई कार्य से ठेका प्रथा समाप्त करने जैसी समस्याओं को हल करने के लिए सफाईकर्मी 4 दिन के धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन और कार्य बहिष्कार किया जाएगा। कर्मचारियों का कहना है कि धरना 8 अप्रैल तक जारी रहेगी। इसके बाद 10 अप्रैल से 25 अप्रैल तक सफाई कर्मी अधिकार यात्रा निकालेंगे और जागरूकता अभियान चलाएंगे। 1 मई को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। अगर इसके बाद भी सरकार नहीं जागी तो 2 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा। प्रदेश महासचिव राजपाल पवार ने कहा कि 15 मार्च से शुरू हुए आंदोलन के प्रथम चरण में अधिशासी अधिकारी व पालिकाध्यक्ष को ज्ञापन देने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं होने से संघ को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है।2 मई से बेमियादी कार्यबहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा। धरना स्थल पर दीपक चंदेल, राजेंद्र कुमार, सतीश कुमार, राजेश टांक, दीपक सैलानी, यशपाल, अनिल कुमार, भूपेंद्र कुमार, कमल कुमार, दीपचंद, संजय कुमार, राजेश प्रधान, जगदीश कुमार, हिमांशु पवार आदि मौजूद रहे।

उधर, काशीपुर में भी देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के प्रांतीय आह्वान के दूसरे चरण के दूसरे दिन नगर निगम के पर्यावरण मित्रों ने निगम परिसर में धरना प्रदर्शन किया और डिप्टी कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम 11 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा । कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन नगर निगम के पर्यावरण मित्रों ने निगम परिसर में धरना दिया। बता दें कि देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ द्वारा 11 मांगें सरकार के सामने रखी गई हैं जैसे कि सफाईकर्मियों की ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करना और सफाई कर्मचारियों को स्थायी पदों की भर्ती शुरू करना।