बाजपुर , PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड से लखीमपुर खीरी के लिए किसान बचाओ लोकतंत्र बचाओ अभियान के तहत कांग्रेस का मार्च बाजपुर से शुरू हुआ जिसमें पार्टी के सभी दिग्गजों ने एकत्र होकर केंद्र व राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरुवार को कृषि उपज मंडी समिति परिसर में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसान लोकतंत्र बचाओ अभियान के तहत लखीमपुर खीरी तक मार्च निकाला जा रहा है.

तीनों किसान और खेती विरोधी काले कानूनों को वापस लेने के लिए इस रैली को निकालने के लिए और लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने के लिए दोषी केंद्रीय राज्य मंत्री को बर्खास्त करने, हत्यारों को गिरफ्तार करने और देशभर में नागरिक अधिकारों की हो रही अवलेहना के खिलाफ जनचेतना जगाने के लिए यह रैली निकालने को मजबूर होना पड़ा है । उत्तराखंड में आवाज दबाने के लिए पूरे राज्य में रासुका लगाया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का डर दिखाकर लोगों को चुप कराया जा रहा है और धमकाया जा रहा है। हम मांग करते हैं कि रासुका को हटाया जाए. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी गलती करती है तो इसका फायदा कांग्रेस को नहीं मिलेगा तो और किसे मिलेगा. जनता की आवाज उठाना हमारा लोकतांत्रिक कर्तव्य है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि मैं इस मार्च में शामिल होने के लिए आपका स्वागत करता हूं। आइए आज देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए अपने विचारों, कर्मों और शब्दों से इस लड़ाई में शामिल हों। जिस तरह से केंद्र और उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बैठी भाजपा सरकारें लोगों की आवाज को कमजोर करने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर देशवासियों को नुकसान पहुंचा रही हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम आगे आएं और देश और राज्य के लोगों की सुरक्षा के लिए काम करें। जहां एक तरफ हमारे राष्ट्रीय महासचिव अपराधियों को दंडित करने और पीड़ित परिवारों के आंसू पोंछने के लिए लखीमपुर खीरी जाना चाहते थे, लेकिन यूपी सरकार ने उन्हें सीतापुर में रखा. पीड़ितों के परिवारों के आंसू पोंछने के लिए हम यहां से लखीमपुर खीरी तक मार्च कर रहे हैं।

इस मौके पर जसपुर विधायक आदेश चौहान, कांग्रेस जिलाध्यक्ष यूएसनगर जितेंद्र शर्मा, नैनीताल जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, कांग्रेस महिला प्रदेश अध्यक्ष रेखा आर्य, प्रदेश सचिव सुरेशी शर्मा, पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पालिकाध्यक्ष बाजपुर गुरजीत सिंह गित्ते, नारायण सिंह बिष्ट , हिमांशु गावा आदि उपस्थित थे।