उपेंद्र सिंह रावत”जौनपुरी” की कलम से , मसूरी , PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड सरकार अपने कार्यकाल के दौरान विकास कार्यों के दावों की बात करते नहीं थकती. सरकार का कहना है कि अपने कार्यकाल में उन्होंने राज्य में सड़कों का जाल बिछाया है, लेकिन इन दावों की हवा निकलती दिख रही है. क्योंकि आजादी को 74 साल होने वाले है लेकिन जौनपुर के खरक व मेलगढ गांव के लोग सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.

जौनपुर प्रखंड के खरक व मेलगढ़ गांव में चले आइए . ये दोनों गांव सड़कों से वंचित हैं। वर्ष 2003 में सरकार ने 15 किमी लंबे सुमनक्यारी-बणगांव-काण्डी मोटर मार्ग को सरकार ने स्वीकृति प्रदान करते हुए सानिवि थत्यूड़ डिविजन द्वारा सड़क निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे . सुमनक्यारी-बणगांव-सुरांसू-खरक गांव तक 12 किमी सड़क निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति भी मिली थी, लेकिन इसके बावजूद यह सड़क आज तक खरक गांव तक नहीं पहुंची है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार ने सड़क का निर्माण नहीं कराया तो वे 2022 के विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

टिहरी गढ़वाल जिले के जौनपुर प्रखंड के खरक व मेलगढ़ गांव आज भी सरकारी उपेक्षा का शिकार हैं. जौनपुर की विशाल सिलवाड़ पट्टी के यही दोनों गांव हैं . जो सड़क नहीं होने का खामियाजा भुगत रहे हैं. सुमनक्यारी से खरक गांव तक 12 किमी सड़क में पड़ने वाले ग्रामीणों के खेत व खलिहान का मुआवजा लोनिवि द्वारा दे दिया गया था . खरक गांव तक टेंडर स्वीकृत होने के बावजूद वर्ष 2007 में सुरांसू गांव तक 10 किमी सड़क की कटिंग कर ली गई थी ।

खरक और सुरांसू गांव के बीच में सड़क के एक जाब की कटिंग होने के बावजूद आगे सड़क निर्माण कार्य रोक दिया गया और 13 साल बाद भी सड़क एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी है . मामले में लोक निर्माण विभाग, थत्यूड़ डिविजन द्वारा सड़क निर्माण ना होने को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है.

खरक गांव के ग्रामीणों का कहना है कि गांव तक सड़क नहीं होने के कारण किसानों की फसल समय पर बाजार नहीं पहुंच पाती और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं जब कोई बीमार होता है तो उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिससे कई बार मरीज की जान भी चली जाती है. मेलगढ़ गांव की भौगोलिक स्थिति और भी भयावह है। जिससे कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी एक बार भी मेलगढ़ आ जाए तो इस गांव में दोबारा न आने का संकल्प लेकर ही वापस जाता है।

जिलाधिकारी ने लोनिवि थत्यूड़ को इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया था . अगस्त 2020 में जिला पंचायत सदस्य कविता रौंछेला ने टिहरी के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को आवेदन दिया था. वहीं, जिलाधिकारी द्वारा लोनिवि थत्यूड़ को तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद आज तक इस पर कोई सकारात्मक पहल नहीं दिख रही है।

थत्यूड़ संभाग के अधिशासी अभियंता रजनीश सैनी का कहना है कि उन्होंने सुरांसू से खरक तक दो किलोमीटर सड़क निर्माण का पुन: आकलन तैयार कर शासन को भेज दिया है. बता दें कि 2019 के पंचायत चुनाव से पहले खरक व मेलगढ़ के ग्रामीणों ने गांव में सड़क नहीं होने के कारण पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया था, लेकिन सरकार के प्रतिनिधियों के आश्वासन के बाद ग्रामीण इसमें शामिल होने को तैयार हो गये थे . लेकिन आज पंचायत चुनाव को बीते हुए भी सवा साल का समय बीत चुका है और स्थिति जस की तस बनी हुई है

सरकार की कथनी और करनी में अंतर है

आम आदमी पार्टी के नेता मुलायम सिंह पहाड़ी ने कहा कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर है। आजादी को 74 साल होने वाले है लेकिन राज्य के कई गांव सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि गांव से लगातार पलायन हो रहा है लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का इससे कोई लेना-देना नहीं है. ‘आप’ नेता ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया कि वे देहरादून से योजना न बनाकर गांव पहुंचकर वहां का हाल देखें.