उत्तरकाशी , PAHAAD NEWS TEAM

दुनिया के सबसे ऊंचे ट्रैक रूट में शामिल कालिदीखाल-बदरीनाथ ट्रैक इस बार ट्रेकर्स के लिए खुशनुमा बना हुआ है. एक महीने की अवधि में, 80 पर्यटकों के सात समूहों ने कालिदीखाल ट्रैक का दौरा किया है। जिसमें पांच समूहों के 65 से अधिक पर्यटकों ने कालिदीखाल को ट्रैक किया है। दो गुटों के 15 सदस्य खराब मौसम के चलते कालिदीखाल से लौटे हैं। जबकि अन्य पर्यटक माणा बद्रीनाथ होते हुए वापस लौटे हैं।

गंगोत्री धाम को बद्रीनाथ से जोड़ने वाला 109 किमी लंबा कालिदीखाल ट्रैक दुनिया का एकमात्र सबसे ऊंचा (5980 मीटर) ट्रैक है। हिमालय के माध्यम से, कंद्राओं, ग्लेशियर के शीर्ष से होकर , इस ट्रैक से भारत की एक दर्जन बर्फ से ढकी चोटियों का दृश्य दिखाई देता है। इस ट्रैक पर भारत की प्रसिद्ध चोटियों में शिवलिग, खर्चकुंड, भागीरथी प्रथम, द्वितीय व तृतीय, केदारडोम, वासुकी पर्वत, सतोपंथ, चौखंबा, मेरू, माणा पीक सहित कई प्रसिद्ध चोटियां दिखाई देती हैं। 80 फीसदी बर्फ से ढके इस ट्रैक को तय करने में 12 दिन का समय लगता है। सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी भी भारत-चीन सीमा पर लगे इस ट्रैक को अपना पसंदीदा मानते हैं। हालांकि इनर लाइन एरिया होने के कारण कुछ ही देशों के पर्यटकों को ही जाने की अनुमति है। हालांकि इस बार कोई भी विदेशी पर्यटक कालिदीखाल के ट्रैक पर नहीं गया है। साथ ही इस ट्रैक पर जाने के लिए कुली और अच्छे गाइड का होना जरूरी है।

रोमांचकारी ट्रैक भी जोखिम भरा

रोमांच से भरे इस ट्रैक में जोखिम भी है. कालिदीखाल-बदरीनाथ ट्रैक पर 7 दिन बर्फीले इलाके से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में खराब मौसम की स्थिति में ट्रेकर भटक जाते हैं। जिससे पिछले 12 साल में इस ट्रैक पर 30 से ज्यादा ट्रेकर्स की मौत हो चुकी है। गढ़वाल हिमालय ट्रेकिंग एंड माउंटेनिग एसोसिएशन के अध्यक्ष जयेंद्र राणा का कहना है कि 5980 मीटर की ऊंचाई को पार करने वाला कालिदी ट्रैक दुनिया के सबसे ऊंचे ट्रैक रूटों में से एक है. इस ट्रैक को पूरा करने के बाद मन को वही शांति और सुकून मिलता है जो एक पर्वतारोही को पहाड़ों पर चढ़ने से मिलता है।

इन जगहों से होकर गुजरता है ट्रैक

ट्रैक गंगोत्री धाम से शुरू होता है और पहली कैपिंग भोजवासा में की जाती है। इसके बाद नंदनवन, वासुकीताल, खड़ा पत्थर, सीता ग्लेशियर, कालिदी बेस कैम्प, राज पड़ाव, अरवा नाला, घसतौली, माणा या बद्रीनाथ में अंतिम कैपिंग की जाती है।