जॉर्ज एवरेस्ट का संचालन कर रही निजी कंपनी पर पर्यटकों ने मनमानी का आरोप लगाया है। गुरुवार को एक महिला पर्यटक का वीडियो वायरल होने के बाद विभाग में हलचल है। आरोप है कि कंपनी बिना रसीद दिए 200 रुपये प्रति पर्यटक एंट्री फीस ले रही है। पार्किंग के नाम पर भी मनमानी की जा रही है।
पहाड़ न्यूज़ की टीम ने जब कुछ स्थानीय लोगो से बात की है तो उन्होंने बताया की यहाँ पर एंट्री फीस और पार्किंग के नाम पर मनमानी कर रहे है। जिसके कारण टूरिस्ट वापिस जा रहे है और उनका ये भी कहना है की लोकल जो लोग मसूरी के रहने वाले है उनको भी कोई छूट नहीं दी जा रही है।

पर्यटन विभाग ने बीते साल एक निजी कंपनी को जॉर्ज एवरेस्ट को लीज पर दिया था। मुख्यरूप से कंपनी को यहां हिमालय दर्शन हेली सेवा का संचालन करना था, जो बंद है। गुरुवार को कुछ पर्यटक जॉर्ज एवरेस्ट घूमने गए थे। यहां मनमाना शुल्क वसूलने के बाद पर्यटकों ने एक वीडियो वायरल कर दिया। महिला का आरोप है कि पैदल चलने की 200 रुपये फीस ली जा रही है। 100 रुपये दोपहिया और 200 रुपये चौपहिया के लिए तय है। यह शुल्क कुछ घंटों का है। मसूरी पर्यटन कार्यालय के प्रभारी हीरालाल आर्या ने बताया कि कंपनी की पूर्व में भी शिकायत मिली है।

वीडियो वायरल होने के बाद मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने भी उप जिलाधिकारी मसूरी को एक शिकायत पत्र लिखा जिसमे की जॉर्ज एवरेस्ट हाउस एस्टेट में पिछले कई दिनों से पर्यटकों से प्रवेश पर अवैध व अनधिकृत पैसे की वसूली व पार्किंग पर अवैध वसूली की शिकायत आ रही है। स्थानिय नागरिकों द्वारा बताया जा रहा है की ऐतिहासिक पर्यटक स्थल जॉर्ज एवरेस्ट पर धोखाधड़ी हो रही है, जानकारी के अनुसार जॉब एवरेस्ट पर एक बैरियर लगाया गया है जिसमें वैरियर संचालकों द्वारा पर्यटकों से अवैध वसूली की जा रही है, गार्ड के द्वारा पर्यटकों से अनाधिकृत रूप से पैसे का नकदीकरण किया जा रहा है। दो पहिया वाहनों के लिए 100/- रुपये और चार पहिया वाहनों से 200/- रुपए का ओर प्रतिव्यक्ति 200/- रुपये भुगतान लिए जाने के बाद ही उन्हें आगे जाने की अनुमति दी जाती है, इस लेनदेन की कोई भी रसीद वैरियर संचालकों द्वारा पर्यटकों को नहीं दी जाती है।

उधर अभय शर्मा बताते है की उनकी वहां पर पैतृक सम्पति है जिसका रास्ता भी निजी कंपनी ने रोक दिया है उन्होंने आरोप लगाया है की हमें अपनी पैतृक सम्पति में जाने का रास्ता बंद दिया गया है और हमे वहां पर जाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।