पौड़ी : जिले में अधिकारियों की धीमी गति का असर विकास कार्यों पर पड़ रहा है. यह मामला डीएम डॉ. आशीष चौहान की बैठक के दौरान सामने आया, जहां डीएम को पता चला कि उनकी बैठक में अधिकारी अनुपस्थित हैं. जिस पर डीएम ने जिला पर्यटन अधिकारी के एक माह के वेतन निकासी पर रोक लगा दी है. साथ ही उरेडा और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है.

दरअसल, बीते दिन डीएम पौडी डाॅ. आशीष चौहान ने जिले में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की समीक्षा बैठक की. विज्ञापन में अधिकतर योजनाएं पर्यटन विभाग से संबंधित थीं. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री द्वारा पौड़ी जिले को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। लेकिन इन योजनाओं पर कितना काम हुआ है, इसको लेकर डीएम ने समीक्षा बैठक की. जिसमें जिला पर्यटन अधिकारी ही मौजूद नहीं थे। जिस पर डीएम ने कड़ी फटकार लगायी.

साथ ही जिला पर्यटन अधिकारी को इस माह का वेतन निकालने पर रोक लगा दी गई है. अधिकारियों की इस उदासीनता पर डीएम काफी नाराज हुए. जिसकी नजर बैठक में देर से पहुंचे शिक्षा एवं क्रय विभाग पर पड़ी. डीएम ने इन दोनों विभागों के अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा है.

सीएम की घोषणाओं पर विभाग गंभीर नहीं:पौड़ी में सीएम की घोषणाओं को विभाग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। विभागीय स्तर पर विज्ञापन की धीमी प्रगति पर डीएम ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. मुख्यमंत्री की घोषणाओं में कहा गया कि अब तक केवल 50 फीसदी योजनाएं ही पूरी हो पायी हैं. जिसमें इस जुलाई तक 251 विज्ञापनों के विरूद्ध 107 पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है। सरकारी स्तर पर 44 जबकि विभागीय स्तर पर 88 विज्ञापन लंबित हैं. 12 विज्ञापन हटा दिए गए हैं.

नये स्वरूप में दिखेगी कण्वाश्रम नगरी आने वाले दिनों में कण्वाश्रम कोटद्वार नगर नये स्वरूप में नजर आयेगी। इसके लिए डीएम डॉ. चौहान ने अधिकारियों को ठोस योजना तैयार करने के निर्देश दिये हैं।

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