पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए पांच बड़े फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की ढाई घंटे लंबी बैठक में ये फैसले लिए गए। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल सहित शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।

सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि पर रोक लगा दी है। साथ ही दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास को बंद कर दिया गया है और भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा गया है।

गुरुवार को सरकार ने सभी दलों की बैठक भी बुलाई है ताकि इस गंभीर मसले पर राजनीतिक आम सहमति बनाई जा सके।

हमले की भयावहता
मंगलवार को पहलगाम के बैसरन इलाके में हुए आतंकी हमले में अब तक 27 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। हमले के वक्त घाटी में बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे। मृतकों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के नागरिक शामिल हैं। इसके अलावा नेपाल और UAE के दो पर्यटकों तथा दो स्थानीय लोगों की भी जान गई है।

जांच एजेंसियां सतर्क
हमले के बाद सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने तीन संदिग्ध आतंकियों – आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा – के स्केच जारी किए हैं। सूत्रों के अनुसार, हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो इस वक्त पाकिस्तान में छिपा है। शुरुआती जांच से पता चला है कि हमले को अंजाम देने वाले पांच आतंकियों में दो स्थानीय और तीन पाकिस्तानी थे।