नैनबाग , PAHAAD NEWS TEAM

आशा कार्यकर्ता संगठन ने सरकार को पूर्व मे दिए गए अल्टीमेटम के अनुसार मांगे न पूर्ण होने पर कार्य बहिष्कार कर प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र नैनबाग व तहसील मे बैठकर धरना प्रदर्शन किया गया | अपनी मांगो को पूर्ण करने के लिए पुरे उत्तराखंड की आशाओं के कार्य न किये जाने पर दवाई वितरण मे और टीकाकरण मे तथा कोरोना की दूसरी लहर के बाद थर्ड लहर की सम्भावना होने पर गाँवों में समस्या उत्पन्न हो गयी है | सरकार ने आशाओं को कोई वेतनमान निर्धारित नहीं किया है | जो कि 15 वर्षो से काम करती नजर आ रही है | जो कि आजाद भारत मे शोषण का मामला है |

प्रदेश की आशा कार्यकर्ता संगठन 12 सूत्री मांगों को लेकर आज से पूरे प्रदेश में काम का बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई है. आशा कार्यकर्ताओं के हड़ताल पर जाने से कोरोना टीकाकरण और पोलियो ड्रॉप अभियान समेत कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह पिछले कई सालों से अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ती आ रहीं हैं। 15 साल से उन्हें सरकार की ओर से वेतन भी नहीं दिया जा रहा है, उन्हें प्रोत्साहन राशि और कमीशन के जरिए ही काम पर लगाया जा रहा है. ऐसे में उन्हें एकमुश्त मानदेय दिया जाए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें किसी तरह का मेडिकल, बीमा, यहां तक कि स्थायी नौकरी भी नहीं दी जा रही है. इससे उनका भविष्य अधर में है। कोरोना काल में उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की देखभाल की, लेकिन उन्हें कोई सहायता नहीं दी गई। न ही कोई सुरक्षा उपकरण मुहैया कराया गया। उन्हें फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स भी घोषित नहीं किया गया।

आशा कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक राज्य की सभी आशा कार्यकर्ता काम का बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगी.